Wednesday, July 20, 2022

Another theory about speed of light.

 The speed of light was measured by reflection from the mirror and that was two way and the speed was measured when the reflection of that light came, the speed of light may have been slowed down due to some mirrors reflection and passing through its hard glass refractive index in the mirror, so, we cannot tell the accurate speed of light through reflection method in vacuum also, we should go through one way light only.

Speed of light can be different in different directions.

 If we synchronized two clock in the middle of vacuum and try to separate them in two different directions if both the clock are not synchronized after traveling the same length then the speed of light may be different.

This speed of light was measured only bidirectional but this way we can measure it unidirectional.

Monday, August 31, 2020

शेरों शायरी by Nitish Raj Pathak

भक्त ढूंढे भगवान को,
वक्त तैयार है आजमाने को,
आंसू बहा रक्त के जैसा,
वो लेता है जाने परीक्षा कैसा।

मैं कह न पाया सनम,
इस दिल के सारे दर्दे गम।
मेरे इश्क़ के चिराग में,
दिल जला है तन्हाई के आग में।

हर पल हु खोजता तुजे,
कभी घर मे कभी जिगर में।
पर मिली है तू मुझे,
हर दर्द में हर कहर में।

जबभी लिखा तेरे लिए,
एक इश्क़ का पैगाम था।
मैं डूब गया था तेरी मोब्बत में,
न मेरे हाथ मे जाम था।

जमाना तुझसे दूर न कर पाए।
मैं जिया हु ऐसी ज़िन्दगी,
मैंने तोड़े सारे रिस्ते अभी,
बस लगाई तेरी बंदगी।

अब मैं तेरे खातिर बस,
छोड़ दूंगा ये जमाना।
चाहे लोग फिर कुछ बोले,
मैं बस हु तेरा दीवाना।

मैं शायर हुआ कवि बना,
इस इश्क़ की ताप में।
जमाने ने किया हर बार मना,
पर मैं रमा हु आप में।

शायरी

भूल गया मैं सबकुछ ही,
बस याद तेरा नाम था।
खत्म हो गयी महफ़िल भी,
बस मेरे हाथ मे जाम था।

धरती से मिलने से पहले, 
बादल क्यो गरजते है।
इश्क़ की बारिश से पेहले,
आशिक़ भी तरसते है।

ये इश्क़ सूफियाना है,
न कोई इसको समझ पायेगा।
इस डराया में जितना तारेगा,
उतना डूबता ही जाएगा।

इश्क़ उस जमाने मे ,
जिसमे लैला मजनू थे।
इस काली घनेरी रात में,
वो चमकते जुगनू थे।

मैं नही कहता ये,
की इश्क़ करना बुरा हैं।
पर जमाने के बातो से,
डरना बुरा है।

हम इश्क़ में डूबे हैं सनम,
हमे पार कौन लगाएगा।
जो बचने आयेग सनम,
वह खुद भी डूब जाएगा।

वर्षा

प्यार का बादल छाया हैं,
लग गई धरती को आस।
अपने इश्क़ के पानी से ,
मिटा दे दीवानी की प्यास।


अपने पैरों की धमक से,
मोर ने धरती को जांचा,
पानी की दीवानी धरती से,
बना रिश्ता मतंग वो नाचा।

कोयल बोली पेड़ो पे,
पत्ते भी सब खिलखिलाए।
बादल ऐसा छाया आकाश में,
जैसे धरती से मिलने आये।

शिव वंदना

मेरे हर खयाल में,
मुस्किलो के जंजाल में,
मैं तुझको याद करता हु,
मैं तुझको याद करता हु।

बारिश की उस बून्द में,
सर्दी की उस धुंध में,
मैं तुझको याद करता हु,
मैं तुझको याद करता हु।

मेरे दिल की हर आस में,
मेरे सासो की भी सास में,
मैं तुझको याद करता हु,
मैं तुझको याद करता हु।

दिन के उज्जले में,
रातों के काले में,
मैं तुझको याद करता हु,
मैं तुझको याद करता हु।

हवाओ में फिज़ाओ में,
उन अंधेरी गुफाओ में,
मैं तुझको याद करता हु,
मैं तुझको याद करता हु।

इस मन के मंदिर में,
इस दिल के अंदर में,
मैं तुझको याद करता हु,
मैं तुझको याद करता हु।

मैंने देखा है चाँद को

मैंने देखा है चाँद को,
तारो से बात करते हुए।
वो दूर उस सूरज बैठी है,
जिस रोशिनी से चमकाते हुए।

पतझड़ में पेड़ो का रूप बिगड़ जाता है,
अंधी पानी से खेतो का हाल बुरा हो जाता है।
जैसे सोना तपकर ही और सुद्ध हो जाता है,
वैसे ही इश्क़ मुस्किलो में और खरा हो जाता है।

दीवाने बहुत हैं जमाने मे,
पर मेरा दिल बस नेक है।
तारे बहुत है आसमान में,
पर चाँद सिर्फ़ एक है।

उन सब मे मिलावट है,
जो मेरे इश्क़ के विरुद्ध हुआ।
खरा सोना बस मैं हु,
जो इश्क़ में तप के सुद्ध हुआ।

उज्जाले में अंधेरे में,
हर वक्त तुझे बस मैं देखु।
मेरे दिल की महफ़िल में,
मैं अपना दिल तुझपे फेकू